कर्म से बच पाना मुश्किल है. जब तक हम जीते हैं तब तक कर्म करना हमारीजरूरत और मजबूरी दोनों ही होती हैं. लेकिन आप अगर अपने कामों को टालेंगेनहीं तो आपको काम करने में खुशी ही मिलेगी.