भारतीय रेल हादसों के मामले में क्रांतिकारी हो चुका है. एक हादसे से उबरते भी नहीं हैं कि दूसरा हादसा हो जाता है. चार दिन पहले मुजफ्फरनगर के खतौली में उत्कल एक्सप्रेस हादसे का दर्द अभी मद्धिम भी नहीं पड़ा था कि कल रात कैफियत एक्सप्रेस पटरी से उतर गई. रेल मंत्री रेल हादसा मंत्री बन चुके हैं और वो इस पदवी से खुश भी हैं. मुसाफिरों का क्या है चलते रहेंगे, मरते रहेंगे, बचे रहेंगे तो फिर चलेंगे. आज नहीं तो कल मरेंगे. रेल के सफर में जिंदगी सरकार की जिम्मेदारी नहीं सिर्फ एक इत्तेफाक है. दूसरी तरफ, मालेगांव विस्फोट मामले में जमानत पर छूटे कर्नल पुरोहित आज नवी मुंबई की जेल से बाहर आए. खतरे को देखते हुए पुरोहित को पुलिस सुरक्षा मिली है. देखिए क्रांतिकारी बहुत क्रांतिकारी...