अगर कौम के नाम पर सौदागरों का कुनबा कानून पर कब्जा कर ले तो सत्य को उठाना होता है झंडा और तथ्य को करनी होती है क्रांति. कल प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं का आंदोलन अब निर्णायक दौर में है. लेकिन इसकी नौबत ही क्यों आई? आखिर ऐसा कुछ तो हुआ होगा जिसने शरिया कानून में उनके विश्वास को हिला दिया है. आजतक पर देखिए कि कैसे मौलाना और इमाम कर रहे हैं हलाला के नाम पर निकाह और तलाक की सौदेबाजी.