चीन की बेतुकी जिद ने भारत के सब्र का बांध तोड़ दिया है. डोकलाम पर कब्जे की हवस में वो इस कदर अंधा हो चुका है कि वो अपनी पूरी साख को दांव पर लगाने को तैयार हो गया है. इसीलिए अब युद्ध को टालने की बची-खुची संभावना भी खत्म हो चुकी है. भारत के मशहूर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक चीन ने ऐसा कोई रास्ता नहीं छोड़ा है जिसमें बातचीते से डोकलाम विवाद का समाधान खोजा जा सकेगा. नतीजा यह लगभग तय है कि दोनों देश 2018 में युद्ध में चले जाएं.