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क्रांतिकारी बहुत क्रांतिकारी: होली का त्योहार इतना घिनौना कैसे हो गया?

क्रांतिकारी बहुत क्रांतिकारी: होली का त्योहार इतना घिनौना कैसे हो गया?

लड़कियों को लेकर एक समाज इतना असभ्य कैसे हो सकता है. एक परंपरा इतनी फूहड़ रूप कैसे ले सकती है. एक धर्म को इतने वीभत्स उत्सव में कैसे बदला जा सकता है. ये सवाल हम नहीं पूछ रहे हैं. ये सवाल पूछ रही हैं दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर लड़कों की आवारागर्दी का हिसाब मांगने पहुंचीं सैकड़ों बेटियां. यह अपने आप में कितना घिनौना है कि होली के मौके पर उनके ऊपर सीमेन भरे गुबारे फेंके जा रहे हैं.

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