देश में एक बार फिर नोटबंदी के दिन लौट आए हैं. एटीएम के बाहर पैसा निकालने वालों की कतारें लग गई हैं. पूरा देश पैसा-पैसा कर रहा है. देश के कई राज्यों में नकदी का संकट गहरा गया है. पैसे-पैसे के लिए तरसना इसे ही कहते हैं. खाता में पैसा है, लेकिन हाथ खाली हैं. बाजार में पैसा है, लेकिन एटीएम खाली हैं. शादियां हैं, ब्याह हैं, पर्व-त्यौहार हैं....अनाज चाहिए, इलाज चाहिए, लेकिन जेब खाली हैं, क्योंकि ना एटीएम में पैसा है ना बैंकों में. देखिए निशांत चतुर्वेदी के साथ क्रांतिकारी.....