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क्रांतिकारी बहुत क्रांतिकारी: जितना बड़ा किराया उतनी ही बढ़ीं मौतें

क्रांतिकारी बहुत क्रांतिकारी: जितना बड़ा किराया उतनी ही बढ़ीं मौतें

इससे बडी क्रांति क्या हो सकती है कि दफ्तर जाते हुए, घर जाते हुए, किसी से मिलने जाते हुए 22 लोग कुचलकर मर जाएं और इसकी जिम्मेदारी किसी की न हो. लेकिन ये क्रांति सरकार के लिए है. जनता के लिए तो यह एक ऐसी सजा है जो रोज मौत की धमकी देती है. मुंबई में एलिफिंस्टन रोड पर मची भगदड़ में 22 लोगों की मौत एक ऐसी ही घटना है. अफसोस की बात ये है कि सरकार हर बार की तरह इस बार भी किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार नहीं है.

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