राम की राजनीति को नए सिरे से जीवित करने की तलाश में योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चित्रकूट पहुंचे. चित्रकूट पहुंचकर उन्होंने मंदाकिनी नदी की पूजा की, श्रीराम घाट पर आरती में हिस्सा लिया और कामतनाथ मंदिर की परिक्रमा की. उन्होंने राम मंदिर पर तो कोई बात नहीं की लेकिन इतना जरूर कहा कि राम से जुड़ी स्मृतियों को मजबूती देना सरकार का दायित्व है. राम का भक्त, रामघाट की आरती और राम की राजनीति. क्या योगी आदित्यनाथ मंदाकिनी के तट से सरयू का संदेश दे रहे हैं. अयोध्या में राम मंदिर न बना पाने से पैदा हुई कट्टर हिंदुत्व की कुंठाओं को उनका संबोधन बहुत साफ समझ आ रहा है.