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मैं भाग्य हूं: सुखी जीवन चाहिए तो कभी किसी को ठेस ना पहुंचाएं

मैं भाग्य हूं: सुखी जीवन चाहिए तो कभी किसी को ठेस ना पहुंचाएं

इंसानों में अलग-अलग प्रवृति के होते हैं. कुछ लोग बुरे कर्म करते हैं. कुछ लोग अच्छे कर्म करते हैं और कुछ लोग अच्छे और बुरे दोनों तरह के कर्म करते हैं. आपके कर्म ही आपके जीवन के सुख को निर्धारित करते हैं. लेकिन कुछ बातें जाने-अनजाने में आप ऐसा कर जाते हैं जो आपके भाग्य को नुकसान पहुंचाता है. एक गलत टिप्पणी किसी व्यक्त‍ि के जीवन को बदल सकती है, लोगों की राय उसके बारे में बदल सकती है. उसका मान-सम्मान खो सकता है. इससे उसका जीवन तो प्रभावित होगा ही, साथ में आपका जीवन भी उससे प्रभावित हुए बगैर नहीं रह पाएगा.

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