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मैं भाग्य हूं: रिश्तों का करें सम्मान

मैं भाग्य हूं: रिश्तों का करें सम्मान

मैं भाग्य हूं, मैंने देखा है कि कुछ लोग खुद के बारे में ही सोचते हैं, खुद की खुशी को ही जीवन का उद्देश्य मानते हैं लेकिन मैं तो यही कहता हूं कि दूसरों को खुश रखना और उनकी खुशी के बारे में सोचना ही इंसानियत का धर्म है. मैं जानता हूं कि आज के दौर में ऐसे कम ही लोग मिलेंगे. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिनके लिए रिश्ते महज दिखावा हैं. देखें- 'मैं भाग्य हूं' का ये पूरा वीडियो.

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