भाग्य ईश्वर का लिखा नहीं होता, ये इंसान के कर्मों का रचा होता है. जैसे आपके कर्म होंगे वैसा उसका फल होगा. इसलिए अच्छे कर्म करें और खुद बने अपना भाग्य विधाता.