दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जो भाग्य के भरोसे रहते हैं. उनका मानना है कि जीवन के सुख-दुख तो भाग्य में लिखे हैं. उससे ज्यादा कुछ मिलने वाला नहीं. इसलिए मेहनत क्यों करें. लेकिन वास्तव में भाग्य इंसान के कर्मों से रचा होता है. इसलिए ईमानदारी से कर्म करें.