दशरथ मांझी एक ऐसे जुनूनी शख्स, जिसने जो ठान लिया उसे पूरा किया ही. अपने गांव को सड़क से जोड़ने के लिए मांझी सरकार, प्रशासन या भाग्य के हिस्से नहीं रहे. खुद मेहनत की और अपने गांव का भाग्य बदला.