होना या ना होना, पाना या खो देना सब विधाता की मर्जी है लेकिन विधाता भी आपके भाग्य का निर्धारण आपके कर्मों का लेखा जोखा देखकर करता है. इसलिए कर्म हमेशा अच्छे रखो, विचारों में शुद्धता रखो क्योंकि अगर आप ऐसा कर पाए तो आपका कर्म चमक जाएगा. क्योंकि भाग्य आपके कर्मों का ही फल है. देखें- 'मैं भाग्य हूं' का ये पूरा वीडियो.