मैं भाग्य हूं... आपकी तकदीर .... जो कुछ भी आपके जीवन में होता है. वो मुझ में ही नीहित है, किंतु इसका अर्थ यह नहीं कि जो मैं चाहूं आपके साथ वही होगा.... होगा तो वही जो आप चाहेंगे क्योंकि मैं सिर्फ एक कारक हूं.... मैं तो ईश्वर की तरफ से आपके जीवन को चलाने वाला नियामक हूं.... आपका जीवन तो आप ही तय करते हैं.... जैसा आप उसे बनाने के लिए प्रयास करेंगे. वैसा ही आपका जीवन हो जाएगा.