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मैं भाग्य हूं: क्या आपका चरित्र निर्मल है?

मैं भाग्य हूं: क्या आपका चरित्र निर्मल है?

आदमी जन्म के साथ महान नहीं होता. वह संस्कारों की अग्नि में तपकर ही महान बनता है. संस्कार जीवन की संपदा है. हमारे जीवन में दो शब्द बहुत महत्वपूर्ण हैं, चरित्र और चेहरा. चेहरा सुंदर है या नहीं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. फर्क इससे पड़ता है कि चरित्र निर्मल है या नहीं. विस्तार से समझिए यह बात और साथ ही जानिए अपना आज का राशिफल.

Mai bhagya hu episode 7 dec

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