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मैं भाग्य हूं.... उत्तम कर्मों से ही संवरता है भाग्य

मैं भाग्य हूं.... उत्तम कर्मों से ही संवरता है भाग्य

मैं भाग्य हूं.... मैं ही हूं जो अपनी कहानियों के जरिए आपको जीवन की अनमोल सीख देता हूं... लेकिन मेरी सीख से आप खुद को आत्मसात करते हैं या नहीं यह तो खुद ही आप पर निर्भर करता है. क्योंकि आपने मेरी बातों को मेरी सीख को आत्मसात कर लिया, तो यकिन मानिए आपका यह जीवन आनंद मय हो जाएगा.

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