होना या ना होना, पाना या खो देना, सब भगवान की मर्जी है. लेकिन भगवान भी भाग्य का निवारण आपके कर्मों का लेखा-जोखा देकर ही करता है. इसलिए कर्म सदा उत्तम रखो, विचारों में शुद्धता रखो. अगर आप ऐसा कर पाएं यकीन मानिए मैं भी चमक जाऊंगा. क्योंकि मैं तो सिर्फ कर्म का ही फल हूं.