scorecardresearch
 
Advertisement

मैं भाग्य हूं... कब नाकामयाब हो जाते हैं लोग

मैं भाग्य हूं... कब नाकामयाब हो जाते हैं लोग

मैं भाग्य... वो भाग्य जिसकी चमक की कल्पना तो आप रोज करते हैं. पर मैं यानी आपका भाग्य आपका साथ तभी दे सकता हूं जब आप अपने कर्मों में सुधार लाएंगे. मैं यह नहीं कहता की आप मेहनत नहीं कर रहे. मेहनत के साथ चतुराई में आज के समय की सबसे बड़ी मांग है. 

Advertisement
Advertisement