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मैं भाग्य हूं.... विश्वास और भरोसे की नींव से चलती है दोस्ती

मैं भाग्य हूं.... विश्वास और भरोसे की नींव से चलती है दोस्ती

मैं भाग्य हूं... आपका दोस्त आपका शुभचिंतक,  मैं तो हमेशा आपका भला चाहता हूं. आपके जीवन को खुशहाली की और ले जाना चाहता हूं. आखिर ये सारी चीजें एक इंसान के लिए कौन करता है. या तो उसके प्रियजन या फिर दोस्त.  मित्रता का अर्थ क्या होता है. किसे आप बना सकते हैं अपना मित्र.

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