मैं भाग्य हूं... मैं ही हर रोज आपको जिंदगी जीने की सीख देता हूं... मैं वही हूं जो आपको कर्म करने के लिए प्रेरित करता है. क्योंकि मैं जानता हूं... बिना कर्म के जीवन में कुछ भी संभव नहीं है. क्योंकि कर्म और भाग्य एक दूसरे के पूरक हैं. मैंने ऐसे लोगों को भी देखा है. जो कर्म तो करते हैं. लेकिन उसमें उनकी भागेदारी सिर्फ दिखावे तक ही सीमित होती है.