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मनुष्य का धर्म है परोपकार...

मनुष्य का धर्म है परोपकार...

आपके कर्मों से ही आपके भाग्य का फैसला होता है. अगर आपने मनुष्य का जन्म लिया है, तो मनुष्य के कर्तव्य समझने ही होंगे. मनुष्य केवल दिखावे की जिंदगी नहीं जीता, बल्कि उसका धर्म ईमानदारी से अपना कर्म करना और दूसरों की सेवा करना है.

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