आपके जीवन की दशा और दिशा आपका भविष्य तय करती हैं. इंसान सोचता मन से है और करता अपने तन से. यानी जीवन की सरिता तन और मन जैसे दो किनारों के बीच बहती है और इंसान अपने कर्मों का फल भोगता है.