इंसान अपने भाग्य को चमकाने के लिए तमाम उपाय करता है. इंसान अपने कर्मों से अपने भाग्य को खुद ही तय करता है. इसे सौभाग्य बनाना है या दुर्भाग्य, ये मनुष्य खुद ही तय करता है.