मैं भाग्य हूं: मैं आपके जीवन का नियामक हूं संचालक नहीं... ना ही किसी मनुष्य का जीवन मेरे अधीन है. इंसान का कर्म है जिससे उसका जीवन चलता है. अक्सर लोग कर्मों को भी भाग्य से जोड़कर देखते हैं. याद रखिए कर्म भाग्य नहीं है... आप जो भी करें सोच समझकर पूरी रणनीति और पूरी योजना के साथ करें तभी आप कामयाब होंगे. विस्तार से जानने के लिए देखें Video