जीवन का अभिन्न अंग है सत्संग. सत्संग यानि सच की संगति, गुरू की संगति, ऐसे सभा की संगति जो सत्य सुनती है और सत्य की बात करती है. आज होगी ऐसी ही अच्छी सत्संगति की बात...