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मैं भाग्य हूं: जानें कैसे मिलती है परम सुख की अनुभूति

मैं भाग्य हूं: जानें कैसे मिलती है परम सुख की अनुभूति

इंसान की इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता है, जिसको जितना मिलता है, उसके ख्वाहिशों की झोली उतनी ही बड़ी होती जाती है. लेकिन इंसान अपनी इच्छाओं को अपने काबू में कर ले और मन को स्थिर रखकर कर्म करे तो यकीन मानिए परम सुख की अनुभूति होती है और ये आपको मोक्ष के मार्ग पर भी ले जाएगा.

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