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कर्मों से होती है चरित्र की रचना

कर्मों से होती है चरित्र की रचना

इंसान के कर्म से ही उसका जीवन चलता है. पर अक्सर लोग कर्मों से ही भाग्य को जोड़ कर देखते हैं. याद रखिए... कर्म भाग्य नहीं है. लेकिन कर्म से हमारे चरित्र की रचना होती है. यदि हम अच्छाई बोते हैं तो अच्छाई ही काटेंगे और अगर बुराई बोते हैं तो बुराई ही काटेंगे.

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