मैं बार-बार कहता हूं कि आप कर्म का साथ न छोड़े. कर्म ईमानदारी से किया करें. क्योंकि ईमानदारी से कर्म करने पर बेहतर फल मिलता है. कई बार परिस्थितियां आपको ईमानदार बनने से रोक देती हैं. लेकिन मैं फिर कहता हूं कि हालात चाहे जैसे भी हों, आपको गलत रास्ता नहीं अपनाना चाहिए.