scorecardresearch
 
Advertisement

मैं भाग्य हूं: नकारात्‍मकता सफलता की दुश्‍मन है

मैं भाग्य हूं: नकारात्‍मकता सफलता की दुश्‍मन है

भाग्य का कोई भरोसा नहीं होता, कभी ये आपकी जिंदगी में खुशियां भर देता है तो कभी आपको मायूस भी कर देता है. देखें कैसा होगा आपका आने वाला कल और साथ ही समझ लें कि हम सबके अंदर अपने लक्ष्‍य को पाने की काबिलियत होती है, लेकिन आसपास बिखरी नकारात्‍कता के कारण हम उसे कम आंक लेते हैं. ध्‍यान रहे, जो अपने लक्ष्‍य की तरफ निरंतर बिना किसी नकारात्‍मकता के अग्रसर रहते हैं वे सफलता जरूर पाते हैं.

Advertisement
Advertisement