महाराष्ट्र में शिवसेना को फिर जीवनदान मिल गया है. 1996 से बीएमसी की सत्ता पर काबिज शिव सेना इस बार फिर गद्दी बचाने में कामयाब नजर आ रही है. हालांकि, शिवसेना-बीजेपी गठबंधन स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाया लेकिन बहुमत के आंकड़े से वो दूर भी नहीं है. जबकि सत्ता विरोधी लहर का दावा करने वाला कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन कोई कमाल नहीं कर पाया.