शहीदों की चिताओं पर हर बरस लगेंगे मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा. लेकिन यहां तो शहीदों की चिताओं पर हर बरस सियासत का नया खेल शुरू हो जाता है. कम से कम मुबंई हमलों के शहीद हेमंत करकरे के साथ तो यही हो रहा है.