एक आम इंसान न्यायपालिका के भरोसे पर जीता है लेकिन अब कुछ रिशवतखोर उसे पाक पेशे को भी बदनाम करने पर आमादा है. एक असिस्टेंट चैरिटी कमिश्नर को अपना फैसला बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अनिल हिम्मतराव नाम के असिस्टंट कमिश्वर पर आरोप है कि उन्होने दो दावेदारों में से एक पक्ष में फैसला देने के लिए पचास लाख की घूस मांगी थी.