बाला साहेब ठाकरे की वसीयत सामने आ गई है, जिसमें उन्होंने अपनी ज्यादातर संपत्ति उद्धव ठाकरे के नाम कर दी है और अपने दूसरे बेटे जयदेव ठाकरे को कुछ भी नहीं दिया. जयदेव ठाकरे ने इस वसीयत की प्रामाणिकता पर ही सवाल खड़े किए हैं. जयदेव का कहना है कि वसीयत जिस वक्त की लिखी बताई जा रही है उस वक्त उनके पिता दस्तखत करने की हालत में नहीं थे. इस महीने के आखिरी हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा.