बाल ठाकरे की बीमारी में भी सियासत जोरो पर हो रही है. लिहाजा इन दिनो लीलावती अस्पताल चुनाव का अखाड़ा बनता जा रहा है. सभी नेता ठाकरे का हाल चाल लेने के बहाने अपने आपस के राजनीतिक मतभेद भुलाने में लगे है.