उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सबसे मजबूत पार्टियों में से एक होते हुए भी मायावती ने आखिरकार कह ही दिया कि चुनाव के बाद अगर स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो वो विपक्ष में बैठना पसंद करेंगी, न कि किसी राजनीतिक दल के साथ गठजोड़ करके सरकार बनाना.सत्ता के प्रमुख दावेदारों में और कोई पार्टी ऐसा बयान देती नज़र नहीं आ रही है. भाजपा हो या सपा-कांग्रेस गठजोड़, दो तिहाई बहुमत से कम पर कोई कुछ बोलने-कहने को तैयार नहीं है. मायावती शायद अकेली नेता हैं जो ऐसे समय में यह जोखिम ले रही हैं जब छह चरणों में 330 सीटों का मतदान बचा हुआ है.