परियों की तरह झूम-झूम कर नाच रही हैं अक्षरा. हो भी क्यों नहीं अक्षरा के आंगन में महाजश्न जो हो रहा है. इस महाजश्न में अक्षरा के मायके और ससुराल दोनों ओर से पूरा परिवार जो जमा है.