सरस और कुमुद का रिश्ता ही कुछ ऐसा है कि एक दिल है तो दूसरा उसकी धड़कन. दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, तभी तो किस्मत भी इन दोनों को बार-बार मिला देती है. वरना सरस ने तो कुमुद के पास नहीं आने की कसम ली थी.