सिमर के ससुराल में इन दिनों चंद्रमणि पर एक मक्खी भारी पड़ रही है. चंद्रमणि नकली सिमर के साथ मिलकर प्रेरणा को दूध में कुछ मिलाकर देना चाहती थी, लेकिन ऐन वक्त पर मक्खी बनी असली सिमर वहां आ जाती है और दूध के गिलास में गिरकर प्रेरणा को वो मिलावटी दूध पीने से बचा लेती है.