देर से ही सही, लेकिन आनंदी को मिल रही हैं अपने हिस्से की खुशियां. हाथों में मेहंदी सजाकर आनंदी तैयार है अपने पीया घर जाने के लिए. अच्छी बात ये कि शिव को पाकर आनंदी जितनी खुश है, आनंदी को पाकर शिव भी उतना ही खुश है.