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बापू के दिखाए सत्‍य-अहिंसा के मार्ग को क्‍यों भूल गए हम

बापू के दिखाए सत्‍य-अहिंसा के मार्ग को क्‍यों भूल गए हम

जब कोई और रास्‍ता न हो तो केवल सत्‍य का रास्‍ता बचता है. गांधी जी के इस कथन को शायद आज की पीढ़ी ने पढ़ा ही नहीं या फिर उसे याद नहीं रखना चाहती. उन्‍होंने हमेशा सत्‍य और अहिंसा का मार्ग दिखाया है, लेकिन आज जिस तरह से लोग अपने छोटे-छोटे फायदे के लिए हिंसा और असत्‍य का मार्ग चुनते हैं उससे बापू को जरूर कष्‍ट होता होगा.

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