परवीन बाबी के हुस्न और एक्टिंग के जलवे को तो सभी ने देखा लेकिन उनके अंदर के अकेलेपन की साक्षी वो अकेली ही थी. इसलिए उन्होंने पहले दुनिया के लोगों से नाता तोड़ा और उसके बाद दुनिया से ही नाता तोड़ लिया. उनके ग्लैमर से तो सभी वाकिफ थे लेकिन उनकी तनहाई और उनके दर्द का अंदाजा जमाने को उनके जाने के बाद ही हुआ.