बिहार में चुनाव है, इसलिए हर तरफ वादों की बौछार है. चुनावों की दो तस्वीरें होती हैं. एक वो तस्वीर होती है, जिसे सत्ता पक्ष दिखाना चाहता है, दूसरी तस्वीर वो होती है, जो हकीकत में जमीन पर नजर आती है. गांव से शहर तक लोगों के लिए वे मुद्दे कौन से हैं, जो निर्णाय होगें? कोरोना की जिम्मेदारियों ने रूप रंग बदल लिया लेकिन चुनावी मैदान के तेवर नहीं बदले. नवरात्रि के कठिन उपवास के दौरान भी पीएम मोदी चुनावी मैदान में एनडीए का रथ हांकते रहे. देखिए चुनाव में क्या है बिहार की जनता का मूड, श्वेतपत्र में, श्वेता के साथ.