कभी दूर, कभी दुरुस्त है दिल्ली. कभी खुद भागती, कभी भगाती है दिल्ली. किसी का जायका, किसी का श्रृंगार, किसी की उम्मीद है दिल्ली. कहीं चांद सी चमकती तो कहीं अमावस है दिल्ली. क्या चाहती है दिल्ली, किसे चाहती है दिल्ली. हर गली, मोहल्ले, मकान से दिल्ली की 70 सीटों का रिपोर्टकार्ड ‘श्वेतपत्र’ के रूप में देखिए सिर्फ आज तक पर.