भारत में सड़कों से लेकर सरकारी योजनाओं तक और स्कूल से लेकर कॉलेजों तक के नाम किसी ना किसी राजनेता या महापुरुष के नाम पर रखे गए हैं. लेकिन जैसे ही सरकारें बदलती हैं, नाम की अदला बदली का खेल भी शुरू हो जाता है. और फिर भारत की सियासत में शुरू हो जाता है नाम पर कोहराम. सवाल ये कि क्या वाकई काम से बड़ा है नाम?