शुक्र है कि चुनाव आते हैं. तब नेता सेवकों और नौकरों की तरह वोटर के आगे पीछे दौड़ते हैं और उसकी जरूरत का ध्यान रखते हैं. तो देखिए एक वोटर के जीवन का एक 'हसीन' दिन.