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आम आदमी का चैन निगल रही है महंगाई

आम आदमी का चैन निगल रही है महंगाई

मौत आती नहीं और महंगाई जीने नहीं देती. हर दिन महंगाई तले कुचल रही देश की सवा सौ करोड़ जनता कुछ ऐसा ही सोचती है. भले के लिए चुनी गयी सरकार के मंत्रियों के खजाने फूलते जा रहे हैं और आम आदमी की चमड़ी हड्डियों से चिपकती जा रही है. महंगाई रोकने के तमाम दावे हवाई किले साबित हुए हैं. ऐसे में सवाल यही है कि ये सरकार है किस काम की.

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