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प्रचंड महंगाई के सामने बेबस हुआ चूल्‍हा

प्रचंड महंगाई के सामने बेबस हुआ चूल्‍हा

पहले दूध पर रोते थे, फिर सब्जी पर रोने लगे. फिर अनाज और दवाई ने जमकर रुलाया. इस सब के बावजूद फिर भी किसी तरह से चूल्हा जल जाता था, लेकिन अब तो चूल्हे पर ही आफत है. महंगाई के सामने चूल्हा बहुत बेबस हो गया है. नौ सौ रुपये का सिलेंडर इतने सवाल खड़े कर रहा है कि आम आदमी सहम उठा है.

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