पंद्रह दिन के भीतर पेट्रोल की कीमत तीन रुपये बढ़ गयी. सरकार अपनी बेबसी गिनाती है, कंपनियां अपने घाटे का रोना सुनाती हैं. मगर इस पेट्रोल की बढ़ी किश्त चुकाने के साथ ही आप अनजाने में बीस फीसदी तक पैसे उन लुटेरों को भी चुकाते हैं, जो पेट्रोल पंपों पर मौजूद हैं. जिनका मीटर तो बिल्कुल सही दिखता है, लेकिन आपके पैसे की तुलना में आपकी गाड़ी में पेट्रोल कम जाता है. तो आइए दिखाते हैं कि कैसे काम कर रहे हैं पेट्रोल के लुटेरे.