कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते 40 दिनों से आंदोलनरत हैं. फिर बातचीत की टेबल सजी, फिर किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बातचीत हुई, लेकिन नतीजा, फिर वही, ढाक के तीन पात. आठवें दौर की इस बैठक के बाद किसानों को मिली एक और तारीख. बैठक बेनतीजा रही. किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीत बातचीत के लिए अब 8 जनवरी की तारीख रखी गई है. 30 दिसंबर को सरकार के साथ बैठक में किसानों की दो अहम मांगें मान ली गई थीं. आज किसानों को उम्मीद थी कि बाकी दो मांगों पर भी बात बन जाएगी. बात तो पहली ही मांग पर फंस गई. सूत्रों के मुताबिक किसानों ने शर्त रख दी कि पहले तीनों कृषि कानून रद किए जाएं. सरकार ने कहा कि वो एमएसपी पर बातचीत करने के लिए तैयार है. किसानों ने कहा कि पहले कृषि कानूनों को हटाएं फिर एमएसपी पर बात होगी. सरकार ने किसानों से कहा कि अगर कृषि कानूनों में कोई कमी दिखाई दे रही है. उसमें सुधार के लिए संयुक्त समिति बना सकते हैं, लेकिन किसान तो कानून वापसी की मांग पर ही अड़े रहे. देखें स्पेशल रिपोर्ट, अंजना ओम कश्यप के साथ.